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चिंता से देह गले छै

स्वर : बंसीधर चौधरी

(ले जो माजनुवां हे रे जल्दी भगाईके

नै ते जान दे देबो फसरी लागैके। )2


घर में हमरा शादी के बात चले छै।


पता चलल छै हमरो रोशनी गे।

चिंता से देह गले छै 


गे रोशनी पता चलल छै हमरो रोशनी गे 

चिंता से देह गले छै


करे छी प्यार किए बने छी कठोर किए रेे

कैने रही वादा हमही जयबो तोड़ा घर रे


चैल गेले हमरो करेजवा प छूरी गे

बुझे नै छी हमर दुख कोनो मजबूरी गई


गांव घर के लोगवा देखी - देखी जरे छै


पता चलल छै हमरो रोशनी गे 

चिंता से देह गले छै


गे रोशनी पता चलल छै हमरो रोशनी गे 

चिंता से देह गले छै


खैने रही किरिया देवी माई के पंडाल में

कहली की मंगिया तोहर भरबो कोनो हाल में


साथ नई देलकाई हमर ईहो तकदीर गे

देख लिहे फोटो तोरई छो  ई करेजवा चिर गे


होय छै हमरा  डर जब जब दिन ढले छै


पता चलल छै गे मनिशबो के चिंता से देह गले छै


गे रोशनी देखल नई जाई छै हालत गोरे लाल के चिंता से देह गले छै




 

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