हैलो हम एहि खाने जबो।
।अरे चुप।
हाँ हाँ जाबो लेकिन उ अलग बात बा की कुछ खाबो ना।
इ का बोला तानी जी राउआ
आ ई गंडो होबे गांडो गोल रे
आईहो दादा भूत धऽ लेलस का ई कवन भाषा बोला तानी जी।
उरी बाबा उरि बाबा की बोलछी रे तू।
अरे बाप रे लागता कि कवनो कऽ देले बली सा का
हम अइनी कमा के पुरववा से धन
तू तऽ देत बारु जाखम ऊ त लगावे मरहम
कवन फसईले बिया जी रोवा के
।अरे।
हम अइनी कमा के पुरववा से धन
।ओह हो। हो।
तू तऽ देत बारु जाखम ऊ त लगावे मरहम।
तोहसे नीक बा बंगाल बाली पनिया।अरे पनीया
(तऽ मति मार के फसवलास रे बंगलीनिया)2
अमी बंगाल जइबो ओर तारा तारी करबो
कोनो कुछ खिया देले बाली सन का
काहें एतना बरबरा तानी की बोलाछी रे, एहि खानी असबो
।अरे।
(हट होने हमके धारा ना अकबारी में। मारे के बा डुबकी बंगलवाली खारी में)2
तऽ पहले नदी रही बुझलऽ अब नाला
आपन छत छोड़ि। फाने लऽ दुताला
आजी राऊर तबियत पानी ठीक बानु
ते हमके रोकबे भालो होखबे गंडो गोल तारा तारी
।हे भगवान।
हमरा जान के बुझा ना सवतिनिया रे सावतिनिया
(तऽ मति मार के भतार के फासवलस रे बंगालिनिया)2
अमि निबो। आमी बंगाल जुबी, जुबि तरा तुरी कुरूबी
काहें हई खायेका ठीक नईखे लागत
(शहर बोला कइसे रही अकेला
तहरा से नीमन उ तऽ करेले खेला)2
कि तहरो से नीमन अविनाश आ बिकास बारे हो
अखलेश अपना मेहरी के पास बारे हो
बोल के चुभाऊ जानी पिनिया अरे पीनिया
(तऽ मति मार के भतार के फासवलस रे बंगालिनिया)2
तानी विवेक जी से सिख लऽ।
केतना बढ़िया आपन मेहरारू के संघे बारे

