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बारा रे जतन से साली के पटेलिए


स्वर:- गौरव ठाकुर, बंसीधर चौधरी

हा बारा रे जतन से साली के पटेलिये

(साली के पटेलिये)2


सेहो साली के सारहू लेने जाई


।हा। हा।


।सेहो साली के सारहू लेने जाई।


अरे भैया बारा रे जतनमा से।साली जी के पटेलीय।2

(सेहो साली के सारहू लेने जाई)2

हमर जानू के सारहु लेने जाई


अहो भाई दामि दमी लहंगा चोली किनी किनी देल्ये हो। लानी लानी देलिये हो।


सारहऊ सारी पिनाए लेने जाई।सारहऊ सारी पिनाए लेने जाई।


अहो भाई दामि दमी लहंगा चोली किनी किनी देल्ये हो।


सारहऊ सारी पिनाए लेने जाई।

हूं सिनवा पर छुरिया चलाए।


हमर जानू के सारहु लेने जाई।

हो ओकर बिना जियलो नई जाई।


अहो रामा बेकार भेले करल धरल।छूटल संघातिया हो।


छूटल संघातिया हो। ससुरा जाई के जयते सब भुलाई हो।हा ससुरा जाई के जयते सब भुलाई हो।


अहो भैया बेकार भेले करल धरल। बंसी आ गौरव के सोनू आ बिमल सबा के


(ससुरा जाई के जयते सब भुलाई हो।)2


।सेहो साली के सारहु़ लेने जाए।


।खाना पीना कुछू नए सोहाय।

 

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