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52 गज के लहंगा महंगा बाला नाश भ गेलो




स्वर:- गौरव ठाकुर

भेलो गामे गामे शोर काहा कैलि छोरी भोर

(बोले केकरा संघे गेल रहि नहरवा के और)2


केना छोरा के हथोरा बर्दास भऽ गेलो

(52 गज के लहनगा महनगा बाला नाश भऽ गेलो)2


गे कत्ते कइले चुम्मा चाटी लगलो धुरा और माटि।

झुठे के के तू बहाना रोजै मनबे रहि तू पार्टी


साकर गलिया में गारी कोना पास भऽ गेलो


(52 गज के लहनगा महनगा बाला नाश भऽ गेलो)2


पहिले रहो कसम कस ढीला भऽ गेलो नशेनस बोलै मुहबा लगैके के पिल्को तोहर रस


लागे तहरो दर्द के अहिषास भऽ गेलो


(52 गज के लहनगा महनगा बाला नाश भऽ गेलो)2


तू ते करे छि मन मर्जी रोजे काम करे छि फर्जी

तोहर टुइत गेलों गे सियन बोले सितो कोन दर्जी


छोरी अजय गौरव राकेश तोहार खाश भा गेलो


(52 गज के लहनगा महनगा बाला नाश भऽ गेलो)2

 

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