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जान लिखल नै रहि किस्मतिय में


स्वर:- बंसीधर चौधरी

(प्यार के बदला धोखा मिलले चाहत में दिल तोएर देल्हि । बीच रहिया में दे के भरोशा हमरा से मुहवा मोईर लेल्ही)2


रोजे याद सतबे छो तोहर रतिया में गै। रोजे याद सतबे छो तोहर  रतिया में


जान लिखल नै रहि किस्मतिय में गे।जान लिखल नै रहि किस्मतिय में।


( लिखल नै रहि किस्मतिय में)


(स्वर्ग सनके जिन्दगी के हमरा तुहि नरक बनेले गे।

संग में जिये मरे के कासम कथि ले किरिया खैले गे।)2


(मैर के तिर चाइल गेलही हमरा छतिया में)2


जान लिखल नै रहि किस्मतिय में गे।जान लिखल नै रहि किस्मतिय में।


( लिखल नै रहि किस्मतिय में)


(केलियों कोन कसुरवा तोहर तोरले नेह के धागा गे

अपन घर बसाइ के हमरा बानेले तु अभागा गे) 2 


भेलियो पागल गे नआए रहे छियों मतिया में

गे भेलियो पागल गे नआए रहे छियों मतिया में


जान लिखल नै रहि किस्मतिय में गे। जानू लिखल नै रहि किस्मतिय में।

 

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