स्वर:- गुंजन सिंह
(ए खुदा तेरी कैसी खुदाई है। तूने कैसी ये दुनिया बनाई है।)2
ओ हो हो हो हो हो..........।हा..........।
(प्यार करने वालों को सताया जा रहा है)2
(क्यों मोहब्बत का नक्शा मिटाया जा रहा है) 2
(दीवाने के दिल पे लोग पत्थर चलाते हैं
प्यार का कदर कोई कर नहीं पाते हैं)2
(प्रेमी प्रेमिका को कितना रुलाया जा रहा है)2
(क्यों मोहब्बत का नक्शा मिटाया जा रहा है) 2
प्यार क्या कसूर है जो लोग इस से लड़ते हैं
तू ही बता दे रब्बा गुंजन मारू कहते हैं।
प्यार क्या कसूर है जो लोग इस से लड़ते हैं
तू ही बता दे रब्बा पप्पू हसमुख कहते हैं।
(प्यार आग लगाकर जलाया जा रहा है) 2
(क्यों मोहब्बत का नक्शा मिटाया जा रहा है) 2
(ए खुदा तेरी कैसी खुदाई है। तूने कैसी ये दुनिया बनाई है।)2
(प्यार करने वालों को सताया जा रहा है)2
(क्यों मोहब्बत का नक्शा मिटाया जा रहा है) 2


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