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हम तुझमें इतना डूब गए। जैसे मछली दरिया में अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे


स्वर:- गुरु रांधवा


 तूं यूं ना जुदायों की है बातें किया कर

हमछोटे दिल वाले हैं डर जाएंगे


(हम तुझमें इतना डूब गए। जैसे मछली दरिया में

अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।) 2


(निभाई रस्माबे तेनु कस्माबे तू मेनू छोरियो ना

ओ मेरे खस्माबे) 2

हम खाली।खाली।खाली। इस खाली दुनियां में

तू हाथ जरा लगाना रे बर जाएंगे


(हम तुझमें इतना डूब गए। जैसे मछली दरिया में

अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।) 2


(तुम्हे कभी जो  मुझको छोर कर फिर वापस आना होगा। मेरे घर का पता मेरे शहर का पागल खाना होगा) 2

 

(ओ मेरे घर का पता मेरे शहर का पागल खाना होगा) 2


ओ तेरे बिना दुनियां बाले दुनियां बालेे दुनियां बाले ओ जानी है पूछ पूछ तेरा हाल पागल कर जाएंगे


हम तुझमें इतना डूब गए। जैसे मछली दरिया में

(अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।) 2


ये बस बाते कर सकते हैं और कुछ भी कर नहीं सकते


(ये तेरे दीवाने नकली से ये तेरे वास्ते मर नहीं सकते) 2


एक हम हैं तेरे खातिर तेरे कहने पे है बिना किसी सवाल  सुली चढ़ जाएंगे।


हम तुझमें इतना डूब गए। जैसे मछली दरिया में

(अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।) 2


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