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तोहार शादी हो गइल हम पढ़ते बानी हो



स्वर:- खेसारी लाल, अंतरा सिंह

रूप रेखा उहे बाटे। बदलल भेष हो

गली गली घुमा ताटे होके मेहर लेस हो

का हो सवरको।का हाल

रूप रेखा उहे बाटे। बदलल भेष हो

गली गली घुमा ताटे होके मेहर लेस हो

शादी - वादी काके होजा सेटल हम कहते बानी हो। हो। हो। बुझला।

मिलल ईस्कुलिया साईकिल प उ।हम चढ़ते बानी हो

(तोहार लैका हो गइल हम पढ़ते बानी हो) 2

हम ता सोचले रहनी की तुहु बनल हाईबा पापा हो

लेकिन तोहार चढ़ल जवानियां भिंडी जस जुवाता हो।आउरी खेला गुल्ली।

तहरा गैला गम।ना द ढाईल बरदास

 साल भर में का लेलू।का लेलु तू भकेंसी अपन पास

तहरो हलतिया देख के । हहरते बानी हो।बड़ी दुख बा।

मिलल ईस्कुलिया साईकिल प उ।हम चढ़ते बानी हो

(तोहार लैका हो गइल हम पढ़ते बानी हो) 2

मरद के दरद हमरा से बेसी। केहू नाही समझी हो

प्यार पवितर ताहरो बा जानू। गैनी हम बुझी हो।101% सुध आशिक बारा।

अखिलेश खेसारी बदल इहे रहबा की जियते जिंदगी

ना करिहे बियाह।

अभय के कबहू भईल ना हम तरपते बानी हो।हो।हो।।जानू।

मिलल ईस्कुलिया साईकिल प उ।हम चढ़ते बानी हो(तोहार लैका हो गइल हम पढ़ते बानी हो) 2


।जाय दा दुखी मत हावा हेने आवा ना।

।काहव।

।हेने आवा ना एगो बात कहे के बा।इतहरे हा।। रे।।हा।

 

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