Type Here to Get Search Results !

इंसान खेलौना हो गइल



स्वर:- खेसारी लाल यादव

 (छूट गईल धाधाईल मंगल चांद के मिसन भुलाइल)2

कुदरत के आगे देखा विगियान भी बौना हो.. गइल

(भगवान के हाथ के कठ पुतली इंसान खेलौना हो गइल।)2

(सभकर धन के ऐठल घर में बैठल - बैठल मेट गइल
बरका-बरका बीर भूपत के बिपती से जब भेट भईल)2

त्राहि माम जगत में भईल जब काम घिनौना हो गइल

(भगवान के हाथ के कठ पुतली इंसान खेलौना हो गइल।)2

(माथ पा कैसन मौवत नाचे देखनी जब नजर हो
अपनो से मिले जुले में लगता अब डर हो)2

एक ही लगे रहकर भी अलगे बिछोना हो गइल

(भगवान के हाथ के कठ पुतली इंसान खेलौना हो गइल।)2

(राजा के हथवा जोरत देखनी प्रजा से करत गोहार हो। एही देखी  जिंदगी के लाग़ल काबा कीमत हमार हो)2
हलचल खेसारी धनंजय पा भारी एगो कोरोना हो गइल

(भगवान के हाथ के कठ पुतली इंसान खेलौना हो गइल।)2

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad

Ads Area