"मत रखो वफ़ा की उमीद दोस्तो इन हुस्न की तितलिओ से, एक फूल छोड़कर दूसरे फूल पर बैठना इनकी फितरत होती है !!"
"कुछ ठोकरो के बाद नजाकत आ गई मुझ में, मैं अब दिल के मशवरों पे भरोसा नहीं करता !!"
"लोगों की छुपी हुई खूबियाँ वहां सिर्फ दब के रह जाती है, जब वो ये सोचने लगते है की लोग क्या कहेंगे !!"